हे मेरा नाम मौसम है। अभी 2014 चल रहा है और मै 10th मे हुँँ 2015 मे exam देना है सुबह उठो fresh होकर साईकिल उठाओ कोंचिग जाओ वापस आया तो खाना खाकर फिर पढने बैठ जाओ बस यही रोज का नाटक है । फरवरी मे एक दिन मेरे मौसी के घर से शादी का कार्ड आया तो मै गया पहले भी कई बार जा चुका हुँ । मेरा मन बहुत लगता है। बिदाई बारात है जब मै वहा चला गया तो देखा की मौसी और बिंदु (मौसी की बडी लडकी है। ) मैने मौसी को परणाम किया पर मौसी

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उदास है। तो कुछ नही बोली फिर मै बाहर घुमने चला गया शाम हुई बारात आयी रात बीती सुबह हुई लडकी की बिदाई हुई दो तीन दिन बाद समीर भईया को 10the का exam देना है। और अचानक बाइक से गिर जाने कारण हाथ के अँगुठे मे चोट लग जाने के कारण हाथ के अँगुठे मे चोट लग गयी उनको (मौसी के छोटे लडके है।) तो अब उनका exam मै दुगाँँ exam के एक दिन पहले मै समीर भईया और वहाँँ के कुछ लडके सासाराम exam देने के लिए गय सब ने मिलकर भाडे पर रूम लिया रोज exam देने जाते है। सण्डे को छुट्टी मिला तो हम सब शेरशाह के मकबरा देखने गए उसके बाद कुछ रूम पर गए कुछ ताराचण्डी देखने गए हम सब ने खुब मौज मस्ती किया exam समाप्त हुआ हम सब घर आ गए अब मुझे घर जाने का मन नही कर रहा है तो मौसी ने कहा की यही से कोंचिग कर पढाई कर लो तो मै पास के गांव मे कोंचिग जाता हुँ। दिन मे पढाई करो और शाम को बाल पर लडको के साथ घुमने जाओ और रात को मै और समीर भईया कम्बल लेकर खलिहान मे गला पर सोने जाते है और जो exam देने गए थे वो सब आते है मतलब आस-पास के लडके हम सब एक ही गला पर सोते है सभी लडके फोन पर बाते करते है समीर भइया अपने मामा के लडके के शाली से बात करते है कोई अपनी भाभी से बात करता है तो कोई अपनी रिलेशन की लडकी से बात करता है तो कोई अपने स्कूल की लडकी से बात करता है कोई अपने मुहल्ले वाली से बात करता है कोई अपने भइया के साली से बात करता है कोई अपनी ही मुहल्ले मे लडकी पटा रखा है और फोन पर बात कर रहा है लडकी ने बुलाया तो उसी वक्त गला पर से कुदेगा और सीधे लडकी के घर के पीछे या खेतों मे बुला लेते है हम सब एक-दुसरे से हँसी -मजाक करते है कभी-कभी लडाई भी  हो जाती है कोई लडकी के पास फोन किया और लडकी खूब गाली दे रही  है ऐसे हम लोग खुब हसँते है सारे नमुने यहां पर मौजुद है और यदी दुसरे मुहल्ले की बारात मे रण्डी की नाच या मोटर सिनेमा आया है तो देखने जाएगे रात मे यही सब गला पर होता है अभी समय 2014 का अप्रेल चल रहा है दिन मे कभी-कभी सोन मे नहाने जाते है शाम को फिल्ड मे फुटबॉल खेलने जाते है सब लोग इस तरह 2014 का मई महिना आ गया एक दिन समीर भईया का बडी फुआ का छोटा लडका साहिल और एक और लडका आया कुछ घंटो के बाद दोनो चले गए उसके भइया की शादी है तो शादी का कार्ड देेेने आए तो समीर भईया ने कहा की तुम भी चलना तो मै सोच रहा हुँ की मै क्यों जाउ मेरा वहां कौन है फिर भी मेरा मन बार - बार जाने लिए बोल रहा है तो मै भी जा रहा हुँँ। हम सब चार है मै, छोटी मौसी का लडका श्याम और सिंंटु ,समीर भइया और उनका दोस्त रवि शाम को चार बचे चले बाइक से और साढे छः बचे पहुंच गए बाइक दरवाजे के बगल मे लगा कर समीर भइया ,रवि कही घुुमने चले गए मै और श्याम बाइक के पास खडे है लोग आस -पास घुम रहे है घर को साामने से छोटी -छोटी टिमटिमाने वाले बल्ब से सजाया गया है घर के उपर छत पर हनी सिंह का गानाा,,आज ब्लु है पानी पाानी ,, मस्त रोमांटिक सौंग तेज आवाज मे बज रहा है श्याम ने कहा की छत पर जालते है तो मैंनेे कहा की तुझे छत पर जाने वाली सीढी पता है। उसने कहा हाँ मुुुझे पता है अब उसके फुुुआँँ का घर है वह पहले भी आया था मैंने बोला अच्छा चल हम लोग सीढी चढ कर छत पर गए हम दोनो चारों तरफ घुमे फिर मै आँगन मे देेेने लगा आँँगन मे हवन हो रहा है पण्डित मंत्र मढ रहा है हवन पर एक महिला और उनके पति बैठे है वही पर एक लडकी स्मार्ट फोन से विडियो रिकार्डिंग कर रही है मै इस सीन को देख रहा हुँ तभी अचानक श्याम ने सीढियों की ओर इशारा करके बोला उधर देख मैैने देखा एक लडकी तेजी उसका पीछा कर रही है और वो लहँँगा पहनी हुइ है तेजी से भागती हुइ छत पर आयी और फिर भागती हुइ नीचे चली गयी दोनो उस समय हँस रही थी जो लडकी भाग रही है मै उसकी बात कर रहा हुँँ क्यो की वही इस कहानी की हिरोइन है मै उसे ठीक सेे देख नही पाया क्योकि वो भागती हुइ उपर आयी और भागती हुइ नीचे चली गई फिर मै उसे देखने नीचेे गया तो देख रहा हुँँ की दुुल्हिन की ओर से आए हुए आदमी बैठे है दुल्हिन का भाइ तिलक चढा रहा है एक ओर से महिलाएंं और लडकीया बैठी है ।बिच मे पण्डित दुल्हे के पास सडा हुआ मंत्र पढ रहा है और मै जिस लडकी को देखने के लिए नीचे गया हुँ वो लडकी स्मार्ट फोन से विडिओ रिकॉडिग कर रही है यार उसकी खुबसूरती के बारे मे क्या बोलु उसकी आँँखे एश्वर्या जैैैसी ,ओठ मलिका शेरावत जैसी ,गााल करीना जैसी ,चाल उवर्शी अप्सरा जैसी ,कमर कैटरीना जैैैसी , सोनम कपुर जैसी स्माइल , बिपाशा की स्टाइल ,हेेेमा मालिनी जैसी अदा ,अमीशा पटेल की तरह शर्माना और  श्रद्धा कपुर की तरह मासुम सरस्वती जी के तरह लम्बे-लम्बे बाल , एलिजाबेथ जैसी शान और शिल्पा शेट्टटी नाम ,ऐसी है उसकी बाँडी फीचर्स ,ऐसा लग रहा की खुबसुरती उसकी माँँ है संसार के सभी जवान लडकियों की कसम खाकर बोल रहा हुँँ यार क्यामत की करिश्मा और सपनो की शहजादी लग रही है नन्ही-सी परी की तरह छोटी वाली स्माइल करते हुयी वो विडिओ रिकाँँडिग कर रही है अभी बच्ची है लेकिन यार ये बडी वाली बच्ची है मतलब आँँख मारने लायक हो गयी है परन्तु जब उसका कैमरा मेेेरी तरफ आया और उसकी नजर मेरी तरफ पडी तो उसने स्माइल करना बंद कर दिया मै उसे बिना लाइसेंस के देखे जा रहा हुँ कुछ समय तक हम दोनो एक- दुसरे को देखते रहे मै उसकी आँखों मे ऐसे देख रहा हुँ जैसे उसकी आँँखो सेे होकर दिल मे उतरना चाहता हुँ फिर उसने नजर हटा लिया और विडियों रिकॉर्ड करने लगी वो कैमरा सबके ओर कर रही है पर मेरे ओर नही कर रही है मै अभी भी सिर्फ उसी को देख रहा हुँ यार नजर हटाने को मन ही नही कर रहा है जैैैसे आकाश मे अभी चाँद चमक रहा है वैसे ही वह आँँगन मे चमक रही है वहाँ पर और भी लडकिया है पर वह उनमे ऐसी है जैैैसे सितारों के बीच चाँँद होता है मै उसे बिना पलक झपकाए देखे जा रहा हुँ पर वो ऐसे नही देख रही है मतलब रिकॉर्डिग कर रही है और हर दस सेकंड के बाद अपुुन को देख रही है कुछ देर ऐसा ही चलता रहा इसी बिच दो लडको ने मुझे सीढियों पर बुलाया उनमे से एक ने बोला कहाँ सेे आया हैै मुझेे लगा ये उसकेे भाई है मै सोच रहा हुँँ अब क्या बताऊ फिर मैैैने कहा मै बहुत दुर के रिस्ते से आया फिर मै छत पर गया इधर-उधर कुछ देर तक घुुुमा फिर नीचे गया और मेन दरवाजा से निकल कर घर से सटेे हुए सडक पर गया तो मै वही घर के पास सडक पर खडा हो गया मेरे आस-पास सामान्य भीड़ है मै बस ऐसे ही खडा होकर उसके बारेे मे ही सोच रहा हुँ कुछ देर ऐसे ही बित गया फिर मै देख रहा हुँ वो अपनी मम्मी के साथ कही जा रही है उस समय मै उसकी मम्मी को नही जानता था और भी उसके घर की महिलाए है मै भी उसकेे पीछे जाने लगा मैै उससे थोडी दुुुरी पर हुँँ परन्तु सामान्य अँधेरा होने के कारण मैै उसे स्पष्ट रुप से दिखुगाा नही मुझे भी अच्छी तरह से वो दिखाई नही दे रही है लेकिन वो आसमानी कलर की लहँगा पहनी हुइ है सामान्य अँँधेरा है मतलब अर्ध चाँँदनी रात होने के कारण उसका लहँगा थोडा-थोडा चमक रहा है जिससे मुझे पता  चल रहा है वो किधर जा रही है और फिर वो सब बाते करती हुयी जा रही है तो उससे पता लग रहा है की वो सब किधर जा रही है थोडा सा- दुर जाने के बाद वो एक पतली गली मे घुस गयी गली मे अँँधेरा थोडा अधिक है गली मे जाने सेे डर लग रहा है मै सोच रहा हुँँ यार वापस उसके घर चलते है यदी उसने तेरेे को यहाँ पर देख लिया   तो तेेरे कैरेक्टर पर ? लगा देगी तो मै वापस उसके घर आ गया और दरवाजेे से थोडा दुर खडा होकर उसकेे आने का इंतजार करने लगा मुझे लग रहा है वो सब शादी का कोई रस्म पूरी करने गयी है अंधा घंटा रहा उसके बाद  वो आई उन सबके साथ और घर मे चली गयी मै उसको देेेखता रहा जब तक की वो आँँखो से ओझल न हुयी फिर मै भी घर मे गया आँगन मे जाकर देखरहा हुँ कही दिखाई नही दे रही है मुझे लग रहा है वो अपने कमरे मे गयी है मै छत पर चला गया और छत पर उधर-उधर घुमने लगा कुछ समय के बाद नीचे से इंदु दीदी ((मौसी की माझली लडकी है ये उसकी फुँफा का घर है और ये लडकी उसके फुफा के छोटेे भाई की लडकी है जो इस कहानी की हिरोइन है))और उनके साथ वो भी आई इंंदु दीदी मुझसे पुछा नाश्ता कर लिया मैने नही किया था पर वह उसके साथ खडी होकर मुझे देेेख रही थी और मुझे इस समय उससे शर्म आ रही थी तो मैने बोला हाँ कर लिया हुँ  तो इंदु दीदी चली गयी फिर वो घुम रही है। उनमे से ऐक मेेरी छोटी मौसी की लडकी है। नेहा है वो सब आपस मे बातेे करते हुए घुम रही है मै केवल उसी को देख रहा हुँँ वो बाते करती करते हुए छोटी वाली स्माइल कर रही है वह हर तीस सेकंंड के बाद मुझे देख रही है मै बिना केवल उसी को देख रहा हुँँ कुछ देर ऐसा ही चलता वह जिधर  है उधर बल्ब जल रहा हैै तो उधर लाइट ज्यादा है मै सीढी से थोडा दुर खडा हुँँ सीढी पर महिलाए बैठी है वह एकदम मेेेरे पास आई और मेरी ओर पीठ कर खडी हो गयी चाँँदनी रात है हवा थोडा सा तेज चल रहा है उसके लम्बे- लम्बे रेशमी बाल हवा के झोके से बह कर मेेेेरे चेेेहरे से स्पर्श कर रही हैै उसके जिस्म से एक अजीब सी खुश्बु आ रही है शायद परफ्युम मारी है मै सोच रहा हुँ ये मेरे इतने पास क्यो खडी है। आसमानी रंग की लहँगा पहनी है हम दोनो से बल्ब बहुत दुर है लेेकिन चाँद के लाइट से उसका आसमानी लहँँगा चमट रहा है ऐसे मे वह हुस्न की मल्लिका लग रही है वह अपने बालो को पीछे करकेे हेयरबैंड लगा रखी है उसके रेशमी बाल बार-बार हवा के झोके से बहकर मेेेरे चेहरे से टकरा रही है ऐसा लग रहा है जैसे उसकी जल्फे कह रही है छुओ मुुुझे मेरा दिल धक-धक कर रहा है मैनेे डरते -डरते रेेेशमी जुल्फो को छुआ यार मन तो कर रहा है की उसको पकड कर उसके लिप्स के सारी लिपिस्टिक चुस लुँ लेकिन इस दुनिया मे सिर्फ अरमान ही तो नही है न इज्जत ने भी अपना अकांंउट इस दुनिया मे खोल रखा है मैनेे सोचा यार अभी तक कुछ बोली नही हैै और किस करने को सोच रहा हुँ। यदी उसको गुस्सा आया और ऐक झापड बोनस मे दिया तो मुझे अपने अरमानो को गदहा पर लादना पडेगा फिर वह जाने लगी मै उसे देेेखता रहा जब तक वह सीढियो से ओझल न हो गई फिर मै जहाँ बल्ब जल रहा वहाँ बैैैठ गया और उसके बारे मे सोच रहा हुँँ मेेेरे मन के स्क्रीन पर वो सीन Flash back हो रहे है लगभग आधा घंंटा के बाद नेहा ,पिंकी और वो आई पिकी उस लडकी की दोस्त है वो दोनो सीढि के पास घुम रही है नेेहा मेरेे पास आकर बोली खाना खिलाया जा रहा है खा लो फिर बंद हो जाएगाा मैने कहा जा रहा हुँँ फिर वो सब नीचे गयी कुछ समय के बाद मै नीचे गया वहाँ श्याम मिला और उसका छोटा भाई सिटु हम सब खानेे गयेे हम सब खाने बैठ गए वो दोनो खा कर छत पर गए जब मैै खाकर छत गया तो देेखा की वो सब सो गया है तो मै उनके बिच मे जाकर बैठ गया हम लोगों से थोडा आगे सारी लडकियांं सोई है मै लडकियां की ओर देेख रहा हुँ क्यो की मुझे लग रहा हैै की वो भी उसी मे सोई है लेकिन थोडी देर बाद मै देख रहा हुँँ वह नीचे से आ रही है मै उसको देख रहा हुँ। यार वो लडकियों के साथ सोइ गयी मै थोडी देर तक देखता रहा फिर नींद आने लगी तो सो गया उसके बाद उसके बाद सुबह नीद टुटी मैने आँँखे खोली तो देखा वो सब नीचे चली गयी मै और श्याम ने दातुन तोडा वो घर के पीछे अमरुद का पेड है तो छत पर से तोड लिया मुँह-हाथ धोकर फ्रेेश होकर हम सब घुम रहे है मैने देखा वो खलिहान की ओर से आ रही है मै उसे देख रहा हुँँ वो भी  देेेख रही है लेकिन थोडा-थोडा करके मै उसे लगातार देख रहा हुँ जबतक की वो घर मे घुस न गयी फिर वो छत पर आ गयी फिर हम सब खाना खाने लगे वो थोडा सा दुर खडी है कुछ समय बाद आइ और समीर भइया की फोटो खीचने लगी तो उनको शर्म आने लगा तो वे थोडा शर्माकर बोले मै खाना बंद कर दुँगा उसने छोटी वाली स्माइल की और फिर कैमरा उनके चेहरे से हटा लिया फिर वो नीचे चली गयी मतलब सभी छत पर से नीचे चले गए एक-दो लडके हम उपर है बस ऐसे ही छत घुम रहे है कुछ देेेर बाद  मैने देेेखा वो घर के पीछे वाले अमरूद के पेड के नीचे खडी है तो मै उसे देखने लगा वो एक बार मुझे देखी फिर वो नीचे देेेखने लगी वो मुझे अमरुद के पतियो के कारण अच्छी तरह से दिखाई नही दे रही है तो मै छत के दुसरे कोन से देख रहा हुँ वह चुपचाप खडी है जैसे कुछ सोच रही है उसको लगा मै अभी भी वही से देख रहा हुँँ तो वो वहा देख रही है लेकिन मै तो उसेे दुुुसरे कोने से देख रहा हुँ तो उसने जैसे नजर घुमाया मै दिख गया फिर उसने जैैैसे ही देखा की मै उसे देेेख रहा हुँ तो फिर वो नीचे देखने लगी  इस  पर थोडा  हँसी आया फिर मै उसे देखने लगा मुुझे बहुत अच्छा लगता है उसे देखना यार वो मस्त लगती है जब वो मेरी तरफ देखती है तो मेरा दिल हैंंक करने लगता है मै सोच रहा हुँ काश वो मेरे स्कुल पढती ताकी मै उसे रोज क्लास रूम बैैैठकर ऐसेे ही जी भर के देेखता रहता पर वही खलिहान मे उसके घर के दो आदमी नाश्ता रहेे है तो जब दोनो ने खा लिया तो उसका नाम लेकर बोले इसे लेती जाओ तो वह वहाँ से जाने लगी चौकी के पास गयी और थाली लेकर घर के अंंदर चली गयी कुछ देर बाद समीर भइया घर जाने लगेे और उनका दोस्त बाइक मे कुछ हो गया तो उसे ठीक कर रहे है मै वही चौकी पर बैठा हुँ कछ देेेर बाद जाने वाला हुँ तो मै उसको लेेेकर उदास हुँ अचानक मैनेे देखा वो छत पर आई है और मुुझे देख रही है मैने जैसे देखा की वो मुझे देख रही है तो वो कही और देखने लगी यार मेेेरे मन मे अभी लड्डू फुुुटने की कोशिश हो रही था दिमाग ने दिल से कहा लड्डू मत फोड़ वो दुसरी ओर देख रही है फिर भी मै उसे उदास मन से देख रहा हुँ उसी  समय उसके बडे पापा के लडकी आ गयी तो मै नीचे देेेखने लगा कुुुछ देर बाद वो नीचे चली गयी जैसे ही बाइक ठीक हुयी मै,समीर भइया और उनका दोस्त चल दिए उसके बाद हम घर आ गए अब जब सोने जाता हुँ तो उसकी याद आती है सोने केे बाद सपने मे आती है नींद से उठने के बाद उसकी याद आती है खलिहान मेे सोने  जाता हुँ तो वहाँ जब लडके फोन पर बाते करते है तब उसकी याद आती है मुुुझे वो पल बहुत याद आता है जब वह छत मेरे पास आयी थी उसकी लम्बी-लम्बी रेेेशमी जुल्फे हवा केे छोको से बह कर मेरे चेेहरे से टकरा रही थी हवा थोडा सा तेज था यह सीन मेरे मन मे बार-बार Replay होता है यह उसके बडे पापा के बडे लडके का तिलक था अब कुछ दिन बाद बारात मे जाना है तीन दिन कैसे उसकी याद में बीत गया पता ही नहीं चला


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